Shugar Control:घरेलू उपाय अपनाकर शुगर कंट्रोल कैसे करें

Shugar control करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है शुगर की बीमारी को  डायबिटीज या मधुमेह की bimari के नाम से भी जाना जाता है, वैसे शुुगर पूरी तरह सेे ठीक न होने वाली बीमारी मानी जाती है लेकिन कुछ दवाओं और घरेलू-उपाय द्वारा शुगर को कंट्रोल किया जाा सकता है। तो आइए जानते हैं  कि घरेलू उपाय द्वारा शुगर कंट्रोल कैसे करें व कौन से उपाय हैं जिससे शुगर कंट्रोल हो सकती है।

Shugar Control:घरेलू उपाय अपनाकर शुगर कंट्रोल कैसे करें
शुगर कंट्रोल कैसे करें- छवि स्रोत: गूगल 

शुगर कंट्रोल करने के घरेलू उपाय-Sugar Control Home Remedies in Hindi


शुगर, जिसे हिंदी में चीनी भी कहा जाता है, एक मीठा पदार्थ है जो मुख्य रूप से पौधों से प्राप्त किया जाता है। यह साधारणत: गन्ने या चुकंदर से बनता है। 


शुगर का मुख्य घटक सुक्रोज होता है, जो एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है, इसके प्रकारों में सफेद चीनी, ब्राउन शुगर, और अन्य मिठास जैसे ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, और लैक्टोज शामिल हैं। शुगर का उपयोग खाद्य और पेय पदार्थों में मिठास लाने के लिए किया जाता है, साथ ही यह संरक्षक के रूप में भी कार्य करता है।


हालांकि, अधिक मात्रा में शुगर का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, और हृदय रोग जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। 


जब हमारे शरीर में इन्सुलिन की कमी होती है या शरीर इन्सुलिन प्रतिरोधक (insuline resistance) हो जाता है तो ग्लूकोस का कोशिकाओं मे प्रवेश कम हो जाता है जिससे  खून में ग्लूकोस की मात्रा ज्यादा हो जाती है इस स्थिति को डायबिटीज या मधुमेह कहते है।


डायबिटीज की बीमारी को कुछ लोग बहुत ही हल्के में ले लेते हैं  जबकि यह एक जानलेवा बीमारी है  लोगों को यह पता ही नहीं है की यह बहुत गंभीर रोग है जिसके कारण सबसे ज्यादा जान जाने का खतरा होता है। तो पहले हम जान लेते हैं कि शुगर के लक्षण क्या होते हैं।


शुगर के लक्षण- Diabetes Symptoms in Hindi 


  • अधिक भूख एवं प्यास लगना 
  • अधिक पेशाब आना 
  • हमेशा थका महसूस करना 
  • वजन बढ़ना या कम होना 
  • मुंह का बार बार सूखना
  • संक्रमण के प्रति शरीर का ज्यादा संवेदनशील होना 
  • आखों से जुड़ी परेशानी होना, धुंधला दिखना 
  • शरीर पर कोई भी घाव लगने पर जल्द ठीक ना होना
  • ब्लड में अतिरिक्त शर्करा से तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो सकता है व्यक्ति अपने हाथ और पैरों में झनझनाहट महसूस करता है साथ ही हाथ-पैरों में दर्द एवं जलन हो सकती है जिसे बार बार हाथ पैरों का सुन्न भी कह सकते हैं 
  • डायबिटीज में व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है जिससे कि मसूड़ों का संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और मसूड़े कमजोर होकर दांत ढीले हो सकते है मुंह से बदबू आने की परेशानी का भी खतरा रहता है


अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। समय पर निदान और उचित उपचार से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है और इसके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है।


Shugar को कंट्रोल करने के लिए प्राकृतिक घरेलू उपाय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जब शुगर को नियंत्रित करने के लिए दवाओं या वैकल्पिक चिकित्सा की कमी होती है। इसके अलावा, शुगर को कंट्रोल में रखने के लिए आहार नियंत्रण जरूरी है कहने का मतलब है कि खाने मे परहेज बरतना चाहिए


जब कोई सोचता है कि बिना दवा के शुगर को कैसे नियंत्रित किया जाए, तो shugar control करने के लिए प्राकृतिक घरेलू उपचार सबसे अच्छा विकल्प है तो जानते हैं कि वो कौन से घरेलू उपय हैं जिससे शुगर कंट्रोल हो सकती है।


शुगर कंट्रोल कैसे करें-घरेलू उपाय How to Control Sugar-Home Remedies in Hindi 


शुगर या diabetes एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक हो जाता है। अगर समय पर इसे control न किया जाए तो दिल, किडनी, आंखों और नर्वस सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए खान-पान, दिनचर्या और दवाओं का सही समय पर इस्तेमाल बहुत जरूरी है। यहां हम शुगर को नियंत्रित करने के घरेलू उपाय के विषय में विस्तार से जानेंगे।


करी पत्ता का उपयोग करें

करी पत्ता सबसे अच्छा प्राकृतिक एंटी ऑक्सीडेंट (antioxidant) है ये उच्च रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता हैं। 

दालचीनी और मेथी के साथ मिश्रित होने पर ये कोशिकाओं द्वारा ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ाते हैं जिसकी वजह से ग्लूकोस कोशिकाओं मे प्रवेश करता है और खून मे इसकी मात्रा स्थिर हो जाती है। 

करी पत्ता इस्तेमाल करने की विधि

2 से 3 गिलास पानी लें इसमें 8/9 करी पत्ते डालें दालचीनी की 1 स्टिक लें और उसमें थोडा़ सा अदरक डालें, अदरक डालकर मध्यम आंच पर सभी सामग्री को आधा होने तक उबाल लें फिर पूरे हिस्से के दो भाग करके सेवन करें।


मेथी के बीज का सेवन 

मेथी के बीज शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। इसमें घुलनशील फाइबर होता है, जो ब्लड शुगर के अवशोषण को धीमा कर देता है। एक चम्मच मेथी के बीज को रात भर पानी में भिगोकर रखें, और सुबह इस पानी को पी लें। इसे रोज़ाना करने से शुगर लेवल में सुधार हो सकता है।


जामुन के बीज का पाउडर

जामुन में जम्बोलिन (Jamboline) नामक तत्व होता है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। जामुन के बीज को सुखाकर पाउडर बना लें और इसका सेवन करें। यह मधुमेह रोगियों के लिए एक बेहतरीन घरेलू उपाय है।


पाउडर बनाने का तरीका 

जामुन के 20/25 बीज लेकर उन्हें पूरी तरह से सुखा लें बीजों का चूर्ण बना लें अच्छी तरह मसल कर जार में भरकर रख लें।  एक चम्मच बीज का पाउडर दिन में दो बार लें।


करेले का जूस का इस्तेमाल 

रोजाना करेले का जूस पीना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि यह स्वाद में कड़वा होता है लेकिन यह डायबिटीज के रोगियों के लिए एक जादुई उपाय हो सकता है। आप करेले के रस को खीरे या सेब के रस के साथ मिलाकर पी सकते हैं ताकि इसका स्वाद थोड़ा बेहतर हो सके।


इस्तेमाल करने का तरीका

बस ½ करेला, ½ खीरा, ½ हरा सेब लें और इन्हें एक साथ पीस लें। रोजाना करेले का जूस पीने से आपके शरीर में ग्लूकोज के स्तर को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। 


आम के पत्ते का सेवन 

आम के पत्तों में विटामिन सी, विटामिन ए और कई पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शुगर कंट्रोल करने में असरदार हैं ये पत्ते इंसुलिन के लेवल को भी संतुलित करते हैं। 10 से 12 आम के पत्तों को रातभर पानी में डुबोकर अगली सुबह इस पानी को पीने पर फायदा मिलता है।


गिलोय का उपयोग 

अक्सर बुखार में गिलोय (Giloy) के पत्तों को खाया जाता है वहीं, इसका इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए काढ़े के रूप में तैयार करके भी सेवन किया जाता है। 

शुगर की बात करें तो गिलोय को एंटी-डायबिटिक औषधि माना जाता है। यह इंसुलिन के लेवल को भी कम करने में असरदार है, गिलोय के पाउडर या तने को पानी में भिगोकर इस पानी को पिया जा सकता है।


लहसुन का इस्तेमाल 

लहसुन को आयुर्वेद में काफी इस्तेमाल किया जाता है सभी घरों में खाने में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है, लहसुन के सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम करने और शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। 

इसके लिए रातभर लहसुन की 2-3 कलियों को पानी में भिगो दें, सुबह खाली पेट इन्हें चबाकर खा लें।


आंवला का सेवन 

आंवला विटामिन C से भरपूर होता है और यह शरीर में इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। आंवले का रस या इसे कच्चा खाने से शुगर कंट्रोल में रहता है। आप आंवले का चूर्ण भी बना सकते हैं और इसे शहद के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं।


एलोवेरा का उपयोग 

एलोवेरा का सेवन भी ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मददगार होता है। इसमें एंथ्राक्विनोन (Anthraquinones) और ग्लूकोमेनान (Glucomannan) होते हैं, जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद करते हैं। आप एलोवेरा जूस को रोजाना सुबह खाली पेट पी सकते हैं।


नीम के पत्ते का सेवन 

नीम के पत्ते अपने एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों के लिए जाने जाते हैं। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी मददगार होते हैं। आप नीम के पत्तों का रस निकालकर इसे नियमित रूप से पी सकते हैं।


मखाना (फॉक्सनट) का सेवन 

मखाना एक पौष्टिक और हेल्दी स्नैक है, जो शुगर के स्तर को नियंत्रित करने का एक कारगर उपाय है। इसमें प्रचुर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। 


मखाना ग्लूटेन-फ्री होता है और इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे यह डायबिटीज़ से ग्रस्त लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन जाता है। शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए मखाना को रोज़ाना अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। इसके सेवन से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है और ब्लड शुगर के स्तर में स्थिरता बनी रहती है।


खानपान पर ध्यान दें

शुगर नियंत्रण के लिए परहेजी आहार का सेवन करना बेहद जरूरी है। अपने भोजन में अधिक फाइबर, प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट शामिल करें। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दालों का सेवन बढ़ाएं और शुगर और प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें।


तांबे का बर्तन का उपयोग 

सदियों से तांबे के बर्तन से पानी पीने की सलाह दी जाती रही है क्योंकि इससे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। तांबे के बर्तन से पानी पीने से ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव को रोका जा सकता है। आप रात को एक कॉपर के बर्तन में पानी भरकर रख दें और अगले दिन पिएं।


पर्याप्त नींद लेना जरूरी

पर्याप्त नींद लेना भी शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। नींद की कमी से शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे शुगर का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए, रोजाना 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना सुनिश्चित करें।


सहजन का इस्तेमाल 

सहजन को ज्यादातर दक्षिण भारत के लोग भोजन के रूप मे लेते हैं और साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं में भी काम आती है। सहजन की फली का सेवन और सहजन की पत्तियों के रस का सेवन भी शुगर की परेशानी को कम करने में मददगार होता है।


व्यायाम और योग करें 

घरेलू उपायों के साथ-साथ नियमित व्यायाम भी शुगर नियंत्रण में बेहद महत्वपूर्ण है। रोज़ाना कम से कम 30 मिनट की वॉक या योगाभ्यास करें। यह न केवल शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है बल्कि आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।


इस प्रकार इन घरेलू उपायों को अपनाकर आप अपने ब्लड शुगर लेवल को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं। हालांकि, किसी भी नए उपाय को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है, खासकर अगर आप पहले से कोई दवा ले रहे हैं।


दैनिक दिनचर्या अपनाकर शुगर कंट्रोल करें-

दोस्तों  हम कुछ  दैनिक दिनचर्या अपनाकर  भी शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं

  • खाना खाने के तुरंत बाद सोना शुगर में अच्‍छा नहीं माना जाता है साथ ही हाई शुगर वाले लोगों के लिए दिन में सोना सख्त वर्जित है। दिन में सोने से शरीर में कफ दोष बढ़ जाता है  जिससे ब्‍लड में शुगर लेवल बढ़ जाता है इसलिए इसे पूरी तरह से टाल देना चाहिए।
  • रात में भी सूर्यास्त तक रात का खाना सबसे अच्छा रहता है रात के खाने के 3-4 घंटे बाद सोना चाहिए
  • हेल्‍दी रुटीन को फॉलो नहीं करना और पूरी तरह से एंटी-डायबिटीक दवाओं पर निर्भर रहना कम उम्र में आपके लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है। यह आपको कार्डियो-वैस्कुलर बीमारियों से भी ग्रस्त कर सकता है इसलिए आपको हेल्‍दी रुटीन को फॉलो करना बेहद जरूरी है 


तो दोस्तों आप ने समझ लिया होगा कि घरेलू उपाय द्वारा shugar control कैसे करें, सही देखभाल और सावधानियों के साथ शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है और स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है, यदि आपको शुगर है, तो अपने डॉक्टर की सलाह का पालन करें और समय पर दवाइयां लें। 


स्वास्थ्य ही धन है, इसलिए अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और स्वस्थ जीवन जिएं। आशा करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा । 



नोट - इस लेख की सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है, शुगर के विषय में अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करें।

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